प्रसिद्ध गायक सिधू मूसेवाला की मां चरण कौर ने बेटे की हत्या के लगभग दो साल बाद, 17 मार्च को अपने बेटे को जन्म दिया। 58 की उम्र में कथित तौर पर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के माध्यम से गर्भधारण प्रक्रिया को पूरा किया। हाल ही में यह खबरें सामने आई है कि जो सहायक प्रजनन तकनीक को विनियमित करने वाले कानूनों का उल्लंघन करती है।
नियम के मुताबिक 2021 का सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी अधिनियम केवल 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं और 55 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों के लिए आईवीएफ और अन्य प्रजनन उपचार की अनुमति देता है, जबकि मूसेवाला की मां चरण कौर 58 वर्ष की हैं और उनके पति बलकौर सिंह 60 वर्ष के हैं।

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बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजाब सरकार को एक नोटिस भेजकर आईवीएफ प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी। बठिंडा के जिला स्वास्थ्य विभाग ने उस निजी अस्पताल से रिकॉर्ड सुरक्षित कर लिया है जहां कौर ने जन्म दिया था।
अधिनियम का नोटिस तैयार करने में मदद करने वाले डॉ. आरएस शर्मा ने कहा, “यह आश्चर्य की बात थी कि उन्होंने आईवीएफ के माध्यम से इस गर्भावस्था को कैसे प्रबंधित किया क्योंकि यह स्पष्ट रूप से एआरटी कानून का उल्लंघन है।”

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हालाँकि जिला स्वास्थ्य विभाग और मूसेवाला के परिवार ने इस बात पर चुप्पी बना रखी है। बच्चे का जन्म बठिंडा के जिंदल हार्ट इंस्टीट्यूट एंड इनफर्टिलिटी सेंटर में हुआ। जन्म की देखरेख करने वाली डॉ. रजनी जिंदल ने कहा कि कौर ने अपने अस्पताल में आईवीएफ नहीं कराया। उन्होंने कहा कि कौर को गर्भावस्था के चौथे महीने में रक्तस्राव की समस्या हुई और प्रसव तक वह अस्पताल की देखरेख में रही थी।
कौर के पति सिंह ने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। सिंह ने फेसबुक पर लिखा, “सरकार अब मुझे परेशान कर रही है, मुझसे अपनी कानूनी स्थिति साबित करने के लिए कह रही है। मैं सीएम (मुख्यमंत्री भगवंत मान) से अनुरोध करना चाहता हूं कि कृपया मुझे इलाज कराने दें, फिर सरकार मुझे जहां भी बुलाएगी मैं आऊंगा।”
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बता दें कि 2016 में, एक 72 वर्षीय महिला ने आईवीएफ के माध्यम से बच्चे को जन्म दिया था, उस समय भी अधिक उम्र में गर्भधारण के लिए बहस छिड़ गई थी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में कार्यरत शर्मा ने कहा, “एक कारण था कि हमने अधिनियम में ऊपरी सीमा लगा दी क्योंकि इतने बूढ़े माता-पिता का होना लंबे समय में बच्चे के लिए अनुचित हो सकता है।”